विक्रांत मैसी और शनाया कपूर स्टारर फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म का ट्रेलर पहले ही रिलीज हो चुका है और सोशल मीडिया पर इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। खास बात यह है कि इस फिल्म के पीछे छुपी मेहनत और त्याग की कहानी भी दर्शकों के दिल को छू रही है।
इस फिल्म की निर्माता मंसी बागला ने फिल्म को पूरा करने के लिए ऐसा कदम उठाया, जो हर कोई नहीं उठा सकता। उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए अपनी संपत्ति तक बेच दी। मंसी का संघर्ष और फिल्म निर्माण के प्रति उनका समर्पण, इस फिल्म को एक अलग पहचान दिलाता है।
गहने और दूसरा घर बेचकर पूरी की फिल्म की शूटिंग
एक इंटरव्यू के दौरान मंसी बागला ने बताया कि ‘आंखों की गुस्ताखियां’ की शूटिंग के लिए उन्हें अपने गहने और दूसरा घर बेचना पड़ा। उन्होंने कहा,
“हां, एक समय ऐसा आया जब मुझे शूटिंग पूरी करने के लिए अपने गहने बेचने पड़े। इतना ही नहीं, मैंने अपना दूसरा घर भी बेच दिया। लेकिन मुझे इन फैसलों का कोई पछतावा नहीं है।”
यह त्याग सिर्फ एक फिल्म बनाने के लिए नहीं, बल्कि अपने सपनों को जिंदा रखने के लिए था। मंसी बताती हैं कि उन्होंने इस सफर की शुरुआत तब की थी जब कोविड-19 अपने पीक पर था। उस कठिन समय में जब पूरा देश लॉकडाउन में था, तब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने का निर्णय लिया।
आरामदायक जीवन छोड़ा, सपनों के पीछे भागीं
मंसी ने बताया कि उन्होंने अपनी आरामदायक जिंदगी छोड़कर एक नई और अनजान राह पर चलने का फैसला लिया। उन्होंने कहा,
“मैंने मेटलिस्टिक चीजों से दूरी बना ली और अपने सपनों का पीछा करना शुरू कर दिया। मुझे खुशी है कि मैंने वो सब किया जिससे आज मैं एक सुकून भरी जिंदगी जी रही हूं।”
उनका मानना है कि कुछ बड़ा हासिल करने के लिए बड़ी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म को उन्होंने एक बच्चे की तरह पाला और प्रोड्यूस किया।
सपनों की कीमत: मदरहुड में देरी का फैसला
मंसी ने यह भी साझा किया कि उन्होंने अपने करियर को प्राथमिकता देने के लिए मदरहुड को टाल दिया। उनका कहना है,
“मैंने फैसला किया है कि जब तक मैं पांच सुपरहिट फिल्में नहीं बनाऊंगी, तब तक मां नहीं बनूंगी।”
उनका यह फैसला ना सिर्फ साहसिक है बल्कि उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है जो अपने करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में हैं। मंसी मानती हैं कि उन्होंने प्यार को अपना धर्म चुना है और यह भी जाना कि सपनों को पूरा करने के लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है।
कास्टिंग और राइटिंग का भी है जुनून
मंसी बागला न केवल प्रोड्यूसर हैं, बल्कि उन्हें कास्टिंग और राइटिंग में भी गहरी रुचि है। उन्होंने फिल्म को एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि एक भावना की तरह देखा और इसे अपने जुनून से सजाया है।
उनका मानना है कि जब आप किसी चीज को दिल से करते हैं, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं। मंसी की यह सोच आज कई युवा प्रोड्यूसर्स और महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ में क्या है खास?
आंखों की गुस्ताखियां एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है जिसमें विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की जोड़ी पहली बार साथ नजर आएगी। ट्रेलर में दोनों की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा है। शनाया की एक्टिंग स्किल्स की भी सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है।
फिल्म की कहानी इमोशन्स, प्यार, और सपनों की लड़ाई पर आधारित है, जो युवा दर्शकों को काफी प्रभावित कर सकती है। ट्रेलर देखने के बाद फैन्स को उम्मीद है कि यह फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन करेगी।
कब और कहां देखें फिल्म?
रिलीज डेट: 11 जुलाई 2025
फॉर्मेट: थियेटर रिलीज
मुख्य कलाकार: विक्रांत मैसी, शनाया कपूर
निर्माता: मंसी बागला
जॉनर: रोमांटिक ड्रामा
निष्कर्ष: मंसी बागला की कहानी है प्रेरणा का स्रोत
फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि संघर्ष, समर्पण और सपनों की कहानी है। मंसी बागला का यह साहसिक कदम न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।
उनकी यह फिल्म दर्शकों को सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं देगी, बल्कि एक मजबूत मैसेज भी देगी—कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।